जैसे-जैसे हम फरवरी के महीने में आगे बढ़ रहे हैं, उत्तर प्रदेश के मौसम में कुछ महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा हैं। धूप खिलने के बावजूद बर्फीली हवाओं के कारण ठंड का प्रकोप जारी है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिक अब मौसम के मिजाज में बदलाव की संभावना जता रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में राज्य के 40 से ज्यादा जिलों में हल्की बारिश और आंधी की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक, राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 13 फरवरी को बारिश हो सकती है। हवा की गति भी बढ़ने की उम्मीद है, जो लगभग 30-35 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी, जिससे तापमान में गिरावट हो सकती है। राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और कानपुर में तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है।
तापमान में इस बाड़ी गिरावट ने दिन और रात के तापमान के बीच 16-17 डिग्री सेल्सियस का अंतर पैदा कर दिया है, जिससे कई व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो गई हैं, जैसे बुखार और एलर्जी के मामले बढ़ गए हैं। उत्तर प्रदेश के मौसम पूर्वानुमान से पता चलता है कि आने वाले दिनों मे कई जिलों मे छिट-पुट बरसात होने वाली है, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि 12 फरवरी से 15 फरवरी तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और यहां तक कि पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में अलग-अलग स्तर की वर्षा होगी।
Light to moderate rainfall with thunderstorm activity likely over Central India during 11th-13th February, 2024.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) February 11, 2024
Isolated Hailstorms also likely over East Madhya Pradesh and adjoining North Chhattisgarh on 11th & 12th; over Vidarbha on 11th February, 2024.#weatherwarning pic.twitter.com/nZWQfcHzlZ
मौसम का बदलता मिजाज सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगा। पड़ोसी राज्य बिहार में भी इसी समय के दौरान बारिश होने की उम्मीद है। आईएमडी ने बिहार के लिए भी ऐसा ही अलर्ट जारी किया है, जिसमें बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है। इन बारिश का कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य हैं। इन बारिश का कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य हैं। अच्छी फसल सुनिश्चित करने के लिए किसानों को वर्षा का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की आवश्यकता होगी।
बदलते मौसम का स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। तापमान में अचानक गिरावट और उसके साथ होने वाली बारिश से सांस की बीमारियों, एलर्जी और अन्य मौसम संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि ठंड का मौसम कुछ अधिक समय तक बना रह सकता है, लेकिन आने वाली बारिश और तूफान, खासकर किसानों के लिए उम्मीद की किरण हैं।
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