फूलों की खेती से कमा रहा है 75 करोड़ सालाना : जहां एक तरफ खेती किसानी घाटे का सौदा बना हुआ है काफी किसान खेती छोड़ रहे हैं आत्महत्या कर ले रहे हैं कर्ज में डूबे हुए हैं वहीं पर बेंगलुरु के एक किसान श्रीकांत बोलापल्ली जी की हम बात करें तो वह खेती से प्रतिदिन का 2 लाख यानी की फूलों की खेती से कमा रहा है 75 करोड़ सालाना 50 एकड़ में फैले इस किसान के फॉर्म को देखकर के आपका मन प्रसन्न हो जाएगा उनके काम के बारे में जानकर आपकी खेती करने के लिए उत्सुक हो जाएंगे तो आज के ब्लॉक पोस्ट में हम लोग जानेंगे कि वह किस-किस चीजों की खेती करती हैं और कैसे इतना पैसा कमा पाते हैं I
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फूलों की खेती से कमा रहा है 75 करोड़ सालाना
श्रीकांत जी की कमाई की बात करें तो वह सालाना 75 करोड रुपए कमाते हैं और खासकर के फूलों की खेती करते हैं वह एक से बढ़कर एक फूलों की खेती करते हैं जैसे डच रोज और भी कई सारे विदेशी फूलों की खेती करते हैं जो कि बाहर के देशों से इम्पोर्ट करके उसका बीज लाए हुए हैं इन्होंने अपने 50 एकड़ के फार्म हाउस पर पूरा पॉलीहाउस और ग्रीन हाउस लगा रखा है उसी के अंदर संरक्षित खेती करते हैं जिससे कि क्लाइमेट चेंज का बरसात का या फिर किसी और मौसम का कोई फर्क नहीं पड़ता है (फूलों की खेती से कमा रहा है 75 करोड़ सालाना)
श्रीकांत जी फूलों को बेचकर के प्रतिदिन का ₹200000 कमा रहे हैं तथा सालाना उनकी कमाई 75 करोड रुपए की होती है इन्होंने अपने फार्म को मैनेज करने के लिए लगभग 300 लोगों को रोजगार दे रखा है तथा एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बहुत ही हाईटेक खेती करते हैं I
पहले कमाते थे ₹1000 महीना
श्रीकांत जी बेंगलुरु के पास में रहने वाले एक छोटे से गांव के निवासी हैं उन्होंने जीवन में कुछ नया करना चाहा और अपने घर से भाग करके पास के किसी शहर में एक फूलों के ही फार्म पर काम करने लगे वहां पर उनको डेढ़ साल काम करने के बाद 18000 मजदूरी मिली यानी की ₹1000 महीने के हिसाब से उनको मजदूरी मिला उसी पैसे से उन्होंने फूलों की ट्रेडिंग शुरू की और ट्रेडिंग करने करते-करते फिर फ़ार्मिंग में आए और इस तरह से उनकी इस हाईटेक किसान के जर्नी की शुरुआत हुई I
कैसे करते हैं इतना हाईटेक खेती ?
बेंगलुरु के इस हाईटेक फॉर्म के टेक्नोलॉजी कि हम बात करें तो इसमें आपको एक से बढ़िया एक एडवांस टेक्नोलॉजी देखने को मिल जाएगी जो कि विदेशों से एक्सपोर्ट हुई है चाहे ग्रीनहाउस की बात करें पॉलीहाउस की बात करें ड्रिप इरीगेशन की बात करें फर्टिलाइजर हो कीटनाशक हो सब कुछ केवल एक बटन से कंट्रोल है एक बटन की सहायता से आज पूरे फॉर्म की सिंचाई कर सकते हैं दवा का स्प्रे कर सकते हैं पूरा काम वहां से मैनेज कर सकते हैं इनका फॉर्म 75 एकड़ में फैला हुआ है जहां पर 50 पाली हाउस लगे हुए हैं और हर पाली हाउस को मैनेज करने के लिए एक मैनेजर रखा गया है I
क्या होती है संरक्षित खेती ?
आज यहां एक तरफ खेती घाटे का सौदा बना हुआ है वहीं पर यह किसान फूलों की और सब्जियों की खेती करके करोड़ों रुपए कमा रहा है वहीं पर आप जाना चाहते हैं कैसे इतनी कमाई हो रही है यह किस संरक्षित खेती कर रहे हैं यानी कि पॉलीहाउस के अंदर खेती करें जिसमें की क्लाइमेट का कोई मतलब नहीं होता है पानी बहुत कम लगता है ड्रिप इरीगेशन स्टाइल होती है मौसम का कोई फर्क नहीं पड़ता है आपको मजदूर बहुत काम चाहिए एक बार फूलों का प्लांटेशन करने के बाद 5 साल तक फूल को तोड़ सकते हैं इस तरह से नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आप संरक्षित खेती कर सकते हैं I
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