रणजी ट्रॉफी फाइनल का पहला दिन बेहद रोमांचक रहा। मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत की लेकिन सेमी फाइनल की तरह ही उनका मध्यम क्रम विदर्भ के गेंदबाजों के आगे पस्त होता नजर आया और एक समय पर उनकी स्थिति 111/6 हो गई थी। लेकिन शार्दुल ठाकुर की शानदार पारी ने मुंबई को संकट से उबारा। याद रहे की शार्दूल ने ऐसी ही एक शानदार पारी खेल सेमी फाइनल मुकाबले मे भी खेली थी, और मुंबई को फाइनल मे पहुचाय था। आज फाइनल मुकाबले मे भी मुंबई को शार्दूल के हरफनमौला खेल ने मैच मे बनाए रखा है।
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रणजी ट्रॉफी फाइनल: मुंबई की पारी
मुंबई की पारी की शुरुआत में युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 63 गेंदों पर 46 रन की पारी खेलकर मुंबई को अच्छी शुरुआत दिलाई। लेकिन फिर विदर्भ के तेज गेंदबाजों हर्ष दुबे और यश ठाकुर ने मुंबई के शीर्ष और मध्यक्रम के बल्लेबाजों को चलता किया। मुंबई का स्कोर एक समय 81/1 से गिरकर 111/6 हो गया। लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे सीनियर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर दोनों छोटे स्कोर पर ही आउट हो गए। दोनों ही बल्लेबाजों ने मात्र 7-7 रनों का योगदान किया और मुंबई की नाव को मजधार मे छोड़ कर चलते बने।
ठाकुर का शानदार प्रदर्शन
जब शार्दुल ठाकुर क्रीज पर आए तो मुंबई पूरी तरह से संकट में फंसी हुई थी। लेकिन ठाकुर ने समझदारी से खेलते हुए शुरू में संभलकर बल्लेबाजी की और फिर विदर्भ के गेंदबाजों पर प्रहार किया। 47वें ओवर में उन्होंने यश ठाकुर पर एक छक्का और दो चौके लगाए। इसके बाद उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया।
ठाकुर ने सिर्फ 51 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। वे विशेष रूप से तेज गेंदबाजों पर बेहद सक्रिय रहे और अपने पॉवर गेम से गेंदबाजों को परेशान करते रहे। ठाकुर ने पुछले बल्लेबाजों के साथ दो महत्वपूर्ण साझेदारियां भी की। पहले उन्होंने शम्स मुलानी के साथ 7वें विकेट के लिए 42 रन की साझेदारी की और फिर तुषार देशपांडे के साथ 9वें विकेट के लिए 64 रनों की बेहतरीन साझेदारी निभाई।
आखिरकार ठाकुर 69 गेंदों पर 8 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 75 रन बनाकर आउट हुए। लेकिन उनकी इस पारी की बदौलत ही मुंबई 224 रन बना सकी, जबकि वह एक समय 111/6 की स्थिति में थी। ठाकुर की यह विस्फोटक पारी कम स्कोर वाले इस मुकाबले में निर्णायक साबित हो सकती है।
विदर्भ की पारी
विदर्भ की पारी की शुरुआत होते ही ठाकुर ने गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया। विदर्भ की पहली ही पारी शुरू होते ही उनके दोनों सलामी बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए। वरिष्ठ गेंदबाज धवल कुलकर्णी ने अमन मोखादे को आउट किया, जबकि ठाकुर ने धृव शोरे को पगबाधा आउट कर दिया।
फिर कुलकर्णी ने करुण नायर को भी पवेलियन भेज दिया। इस तरह विदर्भ 24/3 की स्थिति में आ गई। हालांकि युवा सलामी बल्लेबाज आथर्व तैड़े ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को और गिरने से बचाया। उन्होंने 46 गेंदों पर 21 रन बनाए और स्कोर को 31/3 तक पहुंचाया।
विकेट पर अनियमित बाउंस के कारण मुंबई नई गेंद से विदर्भ के बल्लेबाजों को परेशान करना चाहेगी। वहीं विदर्भ को भी बड़ी साझेदारियां करनी होंगी ताकि वह इस मुकाबले में वापसी कर सके। रणजी ट्रॉफी का ये फाइनल एक सनसनीखेज मुकाबले की तरफ बढ़ रहा है। रणजी ट्रॉफी फाइनल और अन्य खेल से जुड़ी जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहे।
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